मुजफ्फरनगर श्री राम कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी में “फार्मास्यूटिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – फार्मा नेक्स्ट AI 2025” विषय पर एक भव्य, ज्ञानवर्धक और भविष्य उन्मुख कॉन्फ़्रेंस का शानदार आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद उपस्थित अतिथियों ने मंच संभालते हुए फार्मास्यूटिकल सेक्टर में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की बदलती भूमिका और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक विकास पर अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के विभिन्न कॉलेजों से छात्र-छात्राएँ एवं अध्यापक बड़ी संख्या में शामिल हुए तथा 1000 से अधिक छात्रों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग कर इसे अत्यधिक सफल बनाया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) श्री अनिल कुमार जी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्री राम ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के फाउंडर सेक्रेटरी डॉ. संकल्प कुलश्रेष्ठ, बीजेपी के रीजनल मिनिस्टर डॉ. पुरुषोत्तम, सूरजमल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. के. सतीश शर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के डायरेक्टर डॉ. मनोज मिश्रा एवं कॉलेज के निदेशक डॉ. गिरेन्द्र कुमार गौतम शामिल रहे। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आज फार्मा उद्योग को न केवल नई दिशा दे रहा है बल्कि शोध, दवा निर्माण और गुणवत्ता प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव भी ला रहा है।अपने संबोधन में डॉ. के. सतीश शर्मा ने कहा कि AI तकनीक फार्मा रिसर्च, ड्रग डिस्कवरी और उत्पादन में उल्लेखनीय गति और सटीकता प्रदान कर रही है। वहीं मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार जी ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ते हैं और भविष्य की उद्योग आवश्यकताओं के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का फार्मा उद्योग वैश्विक स्तर पर अपनी छवि मजबूत कर रहा है, और AI इसमें नई ऊर्जा एवं व्यापक संभावनाएँ जोड़ रहा है।
कॉन्फ़्रेंस के दूसरे चरण में आयोजित “Scientific Session” में देश के कई प्रमुख विशेषज्ञों—जैसे सिप्ला फ़ार्मास्यूटिकल्स के एसोसिएट डायरेक्टर श्री प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, डीपीएसआरयू की डॉ. अमृता मिश्रा तथा डॉ. अरुण कुमार मिश्रा—ने अपने शोध अनुभव और वैज्ञानिक उपलब्धियाँ साझा कीं। इस सत्र में 200 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें छात्रों ने AI आधारित फार्मा तकनीकों, डेटा एनालिटिक्स, ड्रग डिस्कवरी मॉडल्स और स्मार्ट फॉर्मुलेशन डिज़ाइन पर प्रभावशाली प्रस्तुति दी। इसके साथ ही पोस्टर प्रेज़ेंटेशन सत्र में भी 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और अपने शोध कार्य को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में छात्र टीम की अहम भूमिका रही, जिसमें वरुण शर्मा, युवराज चौधरी, अब्दुल समद, आमिर, दीपांशु, हनी, अजय, वासु, अर्जुन सिंह, संस्कृति, कृति सैनी, हिमांशी, ईशा, अनस, ऋतिक सहित कई छात्रों का योगदान विशेष रूप से सराहनीय रहा। निदेशक डॉ. गिरेन्द्र कुमार गौतम ने कहा कि ऐसे तकनीकी एवं वैज्ञानिक आयोजन छात्रों को भविष्य की उन्नत तकनीकों से जोड़ते हैं और उन्हें नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं। वहीं प्रिंसिपल प्रेरणा मित्तल ने कहा कि कॉलेज सदैव छात्रों को आधुनिक तकनीकों, उद्योग की आवश्यकताओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने हेतु ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन डॉ. संदीप कुमार, डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. रामदत्त शर्मा, साबिया परवीन, ज्योति जैन, आरती चोपड़ा, तरन्नुम फ़ातिमा, शिवम् त्यागी सहित कई फैकल्टी सदस्यों के सहयोग से अत्यंत सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।


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