गाजियाबाद जेल में एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से इंडिया विज़न फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए तनाव-प्रबंधन विषय पर एक उपयोगी कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट होप’ के अंतर्गत रखा गया, जिसका मुख्य उद्देश्य जेल प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल पर तनाव की पहचान और उससे निपटने की व्यावहारिक तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था।जेल प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों पर कार्य का दबाव, चुनौतियों से भरा वातावरण और संवेदनशील परिस्थितियों में लगातार काम करने का तनाव सीधा प्रभाव डालता है। ऐसे में तनाव प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत मानसिक संतुलन और स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसीलिए यह कार्यशाला समय की मांग को पूरा करने वाली और बेहद प्रभावी साबित हुई। कार्यक्रम में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए तनाव प्रबंधन को एक अनिवार्य कौशल बताया। उन्होंने कहा कि जेल जैसी संवेदनशील संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों का मानसिक तौर पर स्वस्थ और संतुलित रहना जरूरी है, क्योंकि उनकी कार्यशैली न केवल जेल प्रशासन की सुचारु व्यवस्था को प्रभावित करती है, बल्कि कैदियों के पुनर्वास की प्रक्रिया पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। उन्होंने कर्मचारियों को ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नियमित रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनमें आत्मविश्वास, धैर्य और निर्णय क्षमता का विकास हो सके। इंडिया विज़न फ़ाउंडेशन के प्रतिनिधि विकास खुराना ने प्रोजेक्ट होप की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि संस्था कई वर्षों से सुधार गृहों में प्रशिक्षण और कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित कर रही है। तनाव प्रबंधन कार्यशाला इसी प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को पेशेवर रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत और सकारात्मक बनाए रखना है। संस्था की ओर से रेनु, रवि श्रीवास्तव, सागर दक्ष और प्रियंका चौधरी ने सक्रिय सहभागिता कर कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया।
कार्यशाला के सफल समापन पर अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिला और उनके कौशल को औपचारिक मान्यता भी मिली। इस अवसर पर कारापाल के के दीक्षित, उपकारापाल अरविंद कुमार, शिवानी यादव, विजय लक्ष्मी गुप्ता, फार्मेसिस्ट राजेश त्रिपाठी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा और महत्व को और बढ़ाया। यह कार्यशाला न केवल तनाव से निपटने के तरीकों को समझाने में सफल रही, बल्कि कर्मचारियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी बढ़ी। एचसीएल फाउंडेशन और इंडिया विज़न फ़ाउंडेशन का यह संयुक्त प्रयास भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता की आवश्यकता को दर्शाता है, जिससे कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-उत्साह मजबूत बना रहे।
.jpeg)

No comments:
Post a Comment