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Saturday, August 30, 2025

बांदा,वर्तमान में महिला सशक्तिकरण एक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है=सुश्री मेविस टॉक, सहायक पुलिस अधीक्षक

 जिला ब्यूरो चीफ संदीप दीक्षित


बांदा,राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्व. मेजर ध्यानचंद जयंती के अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर दीपाली गुप्ता के दिशा निर्देशन में क्रीड़ा प्रभारी डॉक्टर संजीव गुप्ता के दिशा निर्देशन में तीन दिवसीय क्रीड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । सर्वप्रथम सम्मानित अतिथियों के द्वारा मेजर ध्यानचंद के चित्र पर माल्यार्पण हुआ । इसके पश्चात क्रीड़ा प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने सभी को "खेल दिवस की शपथ दिलवायी । विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान डॉक्टर सपना सिंह ने सविस्तार मेजर ध्यानचंद के जीवन और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । महिला महाविद्यालय में कल दिनांक 30/8/2025 को बैडमिंटन प्रतियोगिता सम्पन्न करवायी जायेगी तथा दिनांक 31/8/2025 को प्रातः मैराथन रेस आयोजित की जायेगी ।

राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बांदा और संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित उ०प्र० राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य प्रो. दीपाली गुप्ता और इतिहास विभाग के निर्देशन में 29 अगस्त, 2025 को "भारतीय स्वाधीनता आंदोलन मे उत्तर प्रदेश की भूमिका" ( 1857 ई.से 1947 ई.तक) से सम्बंधित एकदिवसीय अभिलेख प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन  महाविद्यालय के ' झलकारी बाईं सभागार' किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रातः 11:00 बजे ज्ञानदायिनी मां सरस्वती को माल्यार्पण मुख्य अतिथि सुश्री मेविस टॉक, सहायक पुलिस अधीक्षक, बांदा एवं  नोडल अधिकारी श्री अमिताभ पाण्डेय, उ०प्र० राजकीय अभिलेखागार, लखनऊ द्वारा किया गया।

    कार्यक्रम का संचालन डॉ जय प्रकाश सिंह द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने संपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा बतायी और उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार लखनऊ से आए सभी पदाधिकारी श्री अंजनी कुमार त्रिपाठी, श्री शैलेन्द्र यादव, श्री शिवकुमार यादव का स्वागत किया। तत्पश्चात श्री अमिताभ पाण्डेय द्वारा अभिलेख के बारे में बताया गया कि अभिलेख ,पत्थर, धातु, मृदभांड, लकड़ी या दीवारों पर लिखी हुई वे लिखित सामग्री जिनके माध्यम से किसी घटना, आदेश, दान, विजय या धार्मिक विचार को स्थायी रूप से सुरक्षित किया गया हो। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी स्रोत हैं।


       

मुख्य अतिथि सुश्री मेविस टॉक ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में उत्तर प्रदेश की भूमिका के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। और आगे उन्होंने कहा कि,वर्तमान में महिला सशक्तिकरण एक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है। महिलाएँ अब प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता सिद्ध कर रही हैं। हालांकि, वास्तविक समानता तभी संभव होगी जब समाज की सोच बदले और महिलाओं को पूरी स्वतंत्रता और सम्मान मिले।

     वक्ता के रूप में डॉ. सबीहा रहमानी ने उत्तर प्रदेश के स्वतंत्रता आंदोलन में बुंदेलखंड की महिलाओं योगदान के बारे में बताया। राजकीय महाविद्यालय, समथर, झांसी से आए वक्ता डॉ. शशिभूषण मिश्र ने बुंदेलखंड के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। पं.जे.एन कॉलेज, बांदा से आए वक्ता डॉ. सूर्यकांत मिश्र ने बताया कि,  उत्तर प्रदेश भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की जन्मभूमि था एवं कर्मभूमि था। उत्तर प्रदेश की धरती ने अनगिनत शहीद और नेता दिए जिनके बलिदान एवं संघर्ष ने 1947 में स्वतंत्र भारत का मार्ग प्रशस्त किया। अगले वक्ता डॉ विनय कुमार पटेल ने अपने वक्तव्य में 1857 की क्रांति से लेकर 1947 ई में भारत की आज़ादी तक के प्रमुख घटनाओं की चर्चा क्रमबद्ध रूप से किया।

     प्राचार्य प्रो. दीपाली गुप्ता अपने वक्तव्य में अभिलेख के महत्व के बारे में बताया कि,अभिलेख हमारे अतीत के ठोस और विश्वसनीय स्रोत हैं। ये केवल बादशाहों के गौरव-गान ही नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति, धर्म, राजनीति एवं अर्थव्यवस्था के वास्तविक स्वरूप को भी उजागर करते हैं। इसलिए अभिलेख हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोतों में गिने जाते हैं। प्राचार्य ने बताया कि, उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता आंदोलन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन की आत्मा कहा जा सकता है। 1857 की क्रांति से लेकर 1942 ई के भारत छोड़ो आंदोलन तक, यहाँ की जनता ने अद्वितीय बलिदान और संघर्ष किए। इसी कारण स्वतंत्र भारत के निर्माण में उत्तर प्रदेश की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। 

       इस अवसर पर भारतीय स्वाधीनता आंदोलन मे उत्तर प्रदेश का भूमिका ( 1857 से 1947 ई.तक) से संबंधित दुर्लभ दस्तावेजों,अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

      इस कार्यक्रम में प्रो. जितेन्द कुमार, डॉ. माया वर्मा, डॉ. जय कुमार चौरसिया,डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, डॉ. अंकिता तिवारी, डॉ. जयंती सिंह,डॉ. सपना सिंह, डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. आलोक भारद्वाज,डॉ. मोहम्मद अफ़ज़ल, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. आदित्य प्रताप सिंह और समस्त कार्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।


 

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