अलवर जिले के मालाखेड़ा क्षेत्र के पाला गांव में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा निर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन पूरी तरह जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुका है। दीवारों में दरारें, टूटे हुए हिस्से और गिरने की कगार पर खड़ी छत इस भवन को दुर्घटना का केंद्र बना रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभागों द्वारा इसे अभी तक हटाया नहीं गया है। स्थानीय ग्रामीणों और यहां कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि यह भवन कभी भी गिरकर बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, जिससे लोगों की जान को गंभीर खतरा है।
ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पास ही नया आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाया गया है, जहां एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी बैठकर मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन उसके बिल्कुल पास स्थित यह जर्जर पुराना भवन किसी भी दुर्घटना की स्थिति में नए कमरे को भी नुकसान पहुंचा सकता है। भयावह स्थिति के बावजूद प्रशासन, पंचायत और चिकित्सा विभाग की उदासीनता सवाल खड़े करती है। यहां काम करने वाले कर्मियों और इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों के लिए यह जगह जानलेवा साबित हो रही है।सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस जर्जर भवन के अंदर अभी भी कुछ सामग्री रखी हुई है, जिसे निकालते समय या उपयोग में लेते वक्त किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से इस पुरानी भवन संरचना को गिराया जाए और क्षेत्र को सुरक्षित बनाया जाए, ताकि किसी अनहोनी से पहले स्थिति को सुधारा जा सके।
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