अलवर शहर में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन तो किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर स्थिति इसके बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है। जिला कलेक्टर के स्पष्ट आदेशों के बावजूद यातायात पुलिस, प्रशासन और परिवहन विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन गंभीरता से नहीं कर रहे। शहर के प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में रोजाना दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन हालात सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठते नजर नहीं आते।
अशोक सर्किल, नांगली सर्किल, पुराना आरटीओ ऑफिस और गायत्री मंदिर रोड जैसे संवेदनशील स्थानों पर जाम की समस्या लगातार बनी हुई है। यातायात पुलिस की उचित तैनाती और व्यवस्था न होने के कारण यहां घंटों तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। शुक्रवार को भी पुलिस लाइन की ओर जाने वाली एक बस सड़क पर अचानक रुक गई, जिसके चलते दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया। पुलिस लाइन के बिल्कुल समीप मौजूद इस महत्वपूर्ण चौराहे पर किसी भी तरह की ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहर में इन दिनों शादी-विवाह का सीजन भी चल रहा है, जिससे सड़कों पर भीड़ और बढ़ जाती है। इसके बावजूद प्रशासन, यातायात विभाग और पुलिस की कार्यशैली ढीली ही नजर आ रही है। सड़क सुरक्षा माह का उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना और सड़कों को सुरक्षित बनाना है, लेकिन अलवर में संबंधित विभागों की लापरवाही इस मुहिम के प्रभाव को पूरी तरह कमजोर करती दिख रही है। जनता अब जिम्मेदार अधिकारियों से जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाने की उम्मीद कर रही है।
.jpeg)
No comments:
Post a Comment