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Friday, September 19, 2025

मुजफ्फरनगर में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा.



 

मुजफ्फरनगर। जनपद की सभी तहसीलों में  को भूकम्प, औद्योगिक (रासायनिक) आपदा और अग्नि सुरक्षा को लेकर होने वाली माॅक एक्सरसाइज की तैयारियों को लेकर गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी ने की। उन्होंने जनपद के जिला स्तरीय अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक करते हुए कई महत्वपूर्ण दिशा–निर्देश दिए और कहा कि इस तरह के अभ्यास केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपदा के समय टीम वर्क ही सबसे बड़ी ताकत होती है। इसलिए सभी विभागों को आपसी तालमेल और समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए।योगेन्द्र डिमरी ने कहा कि प्रत्येक उप जिलाधिकारी को अपनी तहसील क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। किस फैक्ट्री में क्या उत्पादन होता है, वहां कौन–कौन से संभावित खतरे मौजूद हैं और राहत कार्य के लिए क्या संसाधनों की आवश्यकता पड़ सकती है, इसका ब्यौरा हर अधिकारी के पास होना जरूरी है। उन्होंने अग्निशमन विभाग और संबंधित विभागों को सचेत करते हुए कहा कि उन्हें जिले की सभी औद्योगिक संस्थाओं में आपदा प्रबंधन की तैयारियों का संज्ञान लेना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि जनपद स्तर पर स्थापित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ईओसी) को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए, ताकि आपदा की स्थिति में वहां से तुरंत मदद प्राप्त की जा सके।बैठक के दौरान जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि जनपद में आपदा प्रबंधन कार्यों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मानसून के दौरान पीएसी की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। इसके चलते जिले में जनहानि काफी हद तक कम रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में जिले में डूबने से सात, सर्पदंश से तीन और अतिवृष्टि से दो लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही जिले में 100 आपदा मित्रों की टीम सक्रिय कर दी जाएगी, जो आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन की मदद करेगी।जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि आज जनपद की सदर तहसील में त्रिवेणी इंजीनियरिंग, जानसठ में डीएवी इंटर कॉलेज, खतौली में तहसील मुख्यालय और बुढ़ाना में डीएवी इंटर कॉलेज के मैदान में माॅक एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी। इन स्थानों पर आपदा की काल्पनिक स्थितियों को प्रस्तुत कर विभागीय टीमों की तैयारियों और त्वरित कार्यवाही की परख की जाएगी।बैठक में उपस्थित मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनुराग कुमार को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वे तीन दिनों के भीतर जनपद के सभी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि आपदा की स्थिति में उनसे निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मौजूद हैं। जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि तीन दिन के अंदर सभी अस्पतालों की फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त गजेन्द्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश, उप जिलाधिकारी सदर प्रवीण द्विवेदी, उप जिलाधिकारी बुढ़ाना अपूर्वा यादव, उप जिलाधिकारी न्यायिक बुढ़ाना कृष्णकांत विश्वकर्मा, उप जिलाधिकारी खतौली राजकुमार भारती, उप जिलाधिकारी जानसठ राहुल देव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार, डीएफओ राजीव कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश श्रीवास, पुलिस अधीक्षक यातायात अतुल चौबे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता, सहायक अभियंता सिंचाई अनस अली, एआरटीओ प्रशासन सुशील कुमार, जिला पंचायत एएमए योगेश कुमार, नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी प्रज्ञा सिंह, ईओ पुरकाजी मनीष वर्मा तथा राहत सहायक नासिर हुसैन मौजूद रहे।इस बैठक के माध्यम से साफ संदेश दिया गया कि आपदा प्रबंधन केवल प्रशासन या विभागों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इसमें आम जनता की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है। यदि जनता को आपदा के समय सही दिशा–निर्देश और प्रशिक्षण प्राप्त होगा तो संकट की घड़ी में नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

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