मुजफ्फरनगर विकास भवन में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति की मासिक बैठक विकास भवन के सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के नामांकन, नियमित उपस्थिति, शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति शत–प्रतिशत हो और पढ़ाई नियमित, गुणवत्तापूर्ण और सुचारू रूप से कराई जाए।उन्होंने विद्यालयों को उपलब्ध कराए जा रहे फर्नीचर की गुणवत्ता पर भी सख्त रुख अपनाया और कहा कि यदि कहीं भी निम्न स्तर का फर्नीचर पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। डीबीटी से बच्चों के अभिभावकों के खातों में भेजी जा रही धनराशि की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि सभी अध्यापक अभिभावकों को प्रेरित करें कि बच्चे प्रतिदिन साफ–सुथरी यूनिफॉर्म पहनकर विद्यालय पहुंचें।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि दिसंबर 2025 में प्रस्तावित निपुण परीक्षा को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी बच्चों को निपुण बनाने के लिए शिक्षकों को पूरी गंभीरता से तैयारी करानी होगी ताकि परीक्षा में शत–प्रतिशत सफल परिणाम मिल सकें। इसके साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के सभी अध्यापकों की एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए। यह बैठक मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन विद्यालयों का सौंदर्यीकरण क्षेत्र पंचायत के माध्यम से कराया जाएगा।मुख्य विकास अधिकारी ने ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में शेष कार्यों को एक सप्ताह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति लगवाना मुख्यमंत्री के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, इसलिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी इसे प्रतिदिन सुनिश्चित करें। मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत जारी धनराशि की प्रक्रिया को भी समयबद्ध करने पर जोर दिया गया और निर्देश दिए गए कि संबंधित पत्रावली हर माह समय से प्रस्तुत की जाए।जिला अनुश्रवण समिति द्वारा किए गए निरीक्षणों की समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जो अधिकारी निर्धारित निरीक्षण नहीं कर पाए हैं, उन्हें आगामी माह में लक्ष्य पूर्ण करने के लिए आधिकारिक पत्र जारी किया जाएगा। इसके साथ ही सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि विद्यालयों में पुरातन छात्र सम्मेलनों का आयोजन कराया जाए तथा पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाए, जिससे विद्यालयों की सामाजिक भागीदारी और शिक्षा की प्रभावशीलता बढ़ सके।


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